चौकीदार बब्बर शेर भालू

1260 Words
“उसे पहचाना बहुत ही आसान है, क्योंकि वह जंगल के सारे जानवरों में सबसे ज्यादा कामचोर आलसी है सारे हाथी सुबह या दोपहर को नदी पर नहाने जाते हैं और वह सूरज ढलने के बाद नदी पर नहाने जाता है और पूरे दिन सोता रहता है, नदी पर नहाने के बाद भी वह नदी के किनारे नींद की एक झपकी ले ही लेता है और नदी से अपने ठिकाने पर पहुंचने में उसे आधी रात हो जाती है, इसलिए तुम दोनों पहले जंगल से कुछ मीठे पक्के केले तोड़कर उससे थोड़ा दूर फेंकना वह भूखा होने के बावजूद उन मीठे-मीठे केलो तक पहुंचने में घंटों लगा देगा, तब तुम समझ जाना वही मेरा मित्र आलसी हाथी है। अब यहां खड़े होकर पूरी रामायण मत सुनो जल्दी यहां से दौड़ लगाओ हाथी को लाने के लिए।” गधा ने कहा भोलू और परी के जाते ही गधे को अकेले गड्ढे में भूत प्रेतों चुड़ैल से डर लगने लगता है और भूत प्रेतों का डर ना लगे इस वजह से वह मां की लोरी गाकर अपने को ही सुलाने लगता है। नदी के किनारे भोलू कुत्ते परी कुतिया को एक विशालकाय हाथी पेड़ के नीचे खड़ा होकर सोता हुआ दिखाई देता और उसके गन्नो को दो तीन बंदर के बच्चे चूस चूस कर खाते हुए दिखाई देते हैं। उस हाथी को देखकर वह सोचते हैं शायद यही गधे का मित्र आलसी हाथी है लेकिन पूरी तरह यकीन करने के लिए की यही आलसी हाथी है वह उसकी परीक्षा लेते हैं परी कुत्तिया उसके बहुत करीब पहुंचकर कहती है “बहरा गधा पूरे जंगल में दौड़ दौड़ कर सबको बता रहा था कि शिकारी जंगल से जाते वक्त बहुत अधिक खाने पीने का समान छोड़ गए जैसे की गुड केले गन्ने आदि उसी समय रात को कम सुनने वाला कम देखने वाला गधा शिकारियों के बनाएं हाथी के बच्चे पकड़ने वाले पुराने गड्ढे में गिर गया था और कोई भी जानवर उसे बाहर नहीं निकल पा रहा है वह सबसे बार-बार चिल्ला चिल्ला कह रहा है कि मेरे मित्र आलसी हाथी को कहीं से भी ढूंढ कर लाओ वही मुझे इस गड्ढे से बाहर निकल सकता है और गड्ढे से बाहर निकालने के बाद मैं सबसे पहले उसी को बताऊंगा की शिकारी जाने से पहले अपने खाने पीने का सामान जंगल के किस कोने में छोड़कर गए हैं।” यह बात ध्यान से सुनकर आलसी हाथी परी कुत्तिया से कहता है “मैं ही आलसी हाथी गधे का सच्चा मित्र हूं, अगर तुम्हें पता है मेरा गधा मित्र जंगल के किस कोने के गड्ढे में फंस गया है तो मुझे वहां लेकर चलो मुझे शिकारियों के खाने पीने के समान से ज्यादा अपने सच्चे मित्र गधे की चिंता हो रही है।” तब परी कुतिया अपने और भोलू कुत्ते के बारे में सारी सच्चाई आलसी हाथी को बताती है। आलसी हाथी उनकी बातों पर विश्वास करके तुरंत उनके पीछे-पीछे चल देता है और गहरे गड्ढे के पास पहुंचकर मिनटों में अपनी सूंड से गधे को पकड़ कर गहरे गड्ढे से बाहर निकालकर दूर फेंक देता है। गड्ढे से बाहर निकालने के बाद गधा खुशी में नाच नाच कर आलसी हाथी और परी कुतिया भोलू कुत्ते को धन्यवाद कहता है। और फिर आलसी हाथी खुद गड्ढे में घुसकर सो जाता है। आलसी हाथी के गहरे गड्ढे में सो जाने के बाद गधा परी और भोलू से जिद करके दोबारा उन्हें अपनी पीठ पर बिठा लेता है और फिर दोनों को साथ लेकर शहर की तरफ चल देता है। कुछ दूर चलने के बाद गधे परी कुतिया भोलू कुत्ते को ऐसा महसूस होता है कि कोई पेड़ों झाड़ियों के पीछे छूप छूप कर उनका पीछा कर रहा है। यह बात जब वह गधे को बताते हैं तो गधा भूत प्रेत चुड़ैल के डर से थर-थर कांपते हुए कहता है “तुम दोनों सच कह रहे हो मुझे भी बहुत देर से ऐसा ही महसूस हो रहा था की कोई हमारा पीछा कर रहा है।” “लेकिन तुम डरकर इतना कांप क्यों रहे हो।” भोलू पूछता है? “क्योंकि यह कोई जानवर या शिकारी नहीं बल्कि भूत या चुड़ैल है।” गधा बताता है “तुम इतना यकीन से कैसे कह सकते हो की भूत प्रेत हमारा पीछा कर रहे है।” इस बार परी कुत्तिया पूछती है? “क्योंकि मैंने अपने पिता जी से सुना था कि जंगल के इस रास्ते पर भूत प्रेत और एक चुड़ैल रहती हैं।” यह कहकर रात को कम सुनने वाला कम देखने वाला अधेड़ आयु का गधा पहले से ज्यादा तेज दौड़ने लगता है और उसके तेज दौड़ते ही उस के पीछे से एक नहीं दो अलग-अलग आवाजे आती है “वो गधे के बच्चे वहीं रुक।” यह सुनकर गधा अपनी पूरी ताकत से और तेज दौड़ लगाने लगता है। फिर पीछे से दोबारा किसी की बहुत ज्यादा क्रोधित आवाज आती है “अगर तू दौड़ते दौड़ते नहीं रुक तो तुझे मैं दर्दनाक मौत दूंगा।” यह बात सुनकर गधा पीछे मुड़कर देखे बिना और तेज दौड़ने लगता है। गधा जब रुकने का नाम नहीं लेता है तो वह डरावनी क्रोधित आवाज उसे रुकने के लिए कहने वाली गधे से ज्यादा तेज दौड़ कर गधे के सामने आ जाती हैं यानी कि गधे को रूकने के लिए कहने वाले नशेड़ी गैड़ा और भेड़िया जंगल के सबसे खूंखार आवारा बदमाश जानवर गधे से ज्यादा तेज दौड़ कर गधे के सामने आकर खड़े हो जाते हैं। उन्हें अपने सामने देखकर गधा और भी ज्यादा थर-थर कांपने लगता है भेड़िया गैड़ा उससे कुछ भी कहे उसकी कुछ भी सुने बिना उसे पीटने लगते हैं। तब गधा पीटते हुए रो रो कर उनसे पूछता है? “माई बाप यह तो मुझे पता चले कि मेरा कसूर क्या है।” “तेरा कसूर यह है कि तू हमारी आवाज सुनकर एक आवाज में रूका क्यों नहीं था।” भेड़िया यह कहकर है पहले से ज्यादा बुरी तरह पीटने लगते हैं। उस समय भोलू कुत्ता परी कुतिया समझ नहीं पा रहे थे कि हम अपने गधे मित्र की मदद कैसे करें तभी बुलेट मोटरसाइकिल की सामने से आने की तेज आवाज आने लगती है बुलेट मोटरसाइकिल की तेज आवाज सुनकर गैड़ा और भेड़िया गधे की टांग पड़कर उसे घसीटते हुए घनी झाड़ियों के पीछे लेकर छुप जाते हैं ताकि गधा चिल्ला कर मदद ना मांगे इसलिए गैड़ा गधे का मुंह कसकर दवाकर उसके गले से आवाज भी नहीं निकलने देता है क्योंकि बुलेट मोटरसाइकिल पर आने वाले सर्कस से भागे हुए जंगल के चौकीदार बब्बर शेर और भालू थे, वह गधे की आवाज सुनकर उसे जरूर बचाने आते। बब्बर शेर और भालू के बुलेट मोटरसाइकिल पर आते ही भोलू कुत्ता और परी कुतिया भी उनसे भयभीत होकर पेड़ के पीछे छुप जाते हैं। भालू उसी जगह जहां भेड़िया गैड़ा गधे को बेरहमी से पीट रहे थे, मोटरसाइकिल रोक कर बब्बर शेर से पूछता है? “सरकार हमें सर्कस से भागे हुए कितने दिन हो गए हैं।” “मैं कैसे बता सकता हूं, मैं भी तेरी तरह ही अनपढ़ हूं, फिर भी अंदाजा लगाकर तुझे बताता है, शायद सौ डेढ़ सौ साल हो गए है।” बब्बर शेर बोलता है “सरकार आपने सही अंदाजा लगाया।” भालू बोलता है “तू कैसे कह रहा है मैंने सही अंदाजा लगाया।” बब्बर शेर पूछता है? “क्योंकि सरकार सर्कस की इस चोरी कि हुईं पुलिस की वर्दी पहनने से पहले से ज्यादा शरीर में खुजली होने लगी है और इस सर्कस की पुलिस की वर्दी में हद से ज्यादा बदबू आने लगी है।” भालू बोला “ठीक कह रहा है, तू अब तो एक मिनट के लिए भी शरीर की खुजली बंद नहीं होती है।” बब्बर शेर बोला
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