फिर भी तुम्हें जंगल को पार करने का एक अच्छा सुरक्षित रास्ता बताता हूं।”
“जल्दी बताओ कालू जी वह सुरक्षित जंगल का रास्ता किधर से गुजरता है।” भोलू पूछता है
“तरीका बताने से पहले मैं तेरे गले लग कर तेरे से दोस्ती करना चाहता हूं, क्योंकि मैं समझता था तू उस ढाबे का अकेला मलिक होने की वजह से घमंडी और मतलबी हो गया है, लेकिन दुखी परी जी के मदद करने की वजह से मेरी यह गलत फहमी है दूर हो गई है।” कालू कुत्ता बोला
और फिर कालू कुत्ता भोलू और परी को जंगल का सुरक्षित रास्ता बताता है जहां जंगल के जंगली जानवर कम मिलते थे।
और फिर भोलू परी कालू कुत्ते के बताएं रास्ते पर निकल पड़ते हैं लेकिन कालू कुत्ता भोलू से पहले से ज्यादा नफरत करने लगा था क्योंकि भोलू कुत्ते ने घने बाल वाली खूबसूरत परी कुत्तिया से मित्रता कर ली थी और वह उसके हिसाब से परी कुतिया के साथ शहर मौज मस्ती करने जा रहा था, इस वजह से कालू कुत्ते ने दोनों को जंगल के सबसे खतरनाक रास्ते पर भेज दिया था, जहां पहुंचते ही उन दोनों को खूंखार मांसाहारी जानवर खा जाए।
और जब दोनों सुनसान अंधियारी रात में जंगल के अंदर घुसते हैं, तो उनके पीछे पत्तों की सरसराहट होने लगती है जैसे कोई दबे पांव उनके पीछे-पीछे आ रहा हो और जब भोलू परी चीकू के पेड़ के पीछे छिपकर देखते हैं की कौन हमारा पीछा कर रहा है तो यह देखकर घबराहट डर के बाद वह अपनी हंसी नहीं रोक पाते हैं।
क्योंकि एक अधेड़ आयु का गधा पेड़ों कोटेदार झंडियों से टकराकर और उन में फंसकर उनकी तरफ आते आते पहाड़ी पत्थरों से टकराकर लुढ़कता पुढ़कता उनसे दूसरी दिशा में जाने लगा था और जब परी कुत्तिया अपनी हंसी नहीं रोक पाती है और जोर-जोर से हंसने लगती है तो वह गधा परी कुत्तिया को चुड़ैल समझ कर चूड़ैल चुड़ैल चिल्लाकर वहां से सरपट भागने लगता है। तब परी कुत्तिया पीछे से आवाज लगाकर जोर से चिल्ला कर कहती है “मैं चुड़ैल नहीं हूं, बल्कि जीवित जानवर हूं।”
यह सुनकर वह अधेड़ आयु का गधा दौड़ते दौड़ते रुक जाता और भोलू कुत्ते परी से दूर खड़ा होकर पूछता है? “तुम अपने को जीवित जानवर बता रही हो लेकिन मैंने तुम्हारी आवाज पहली बार अपने जंगल में सुनी है, इस वजह से मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि तुम जीवित हो इसलिए कोई प्रमाण दो कि तुम जीवित हो।”
और जब परी की जगह अधेड़ आयु के गधे की बात का जवाब भोलू कुत्ता देता है तो गधा यह कहकर की आवाज बदल बदल कर बोल रही है तू पक्का चुड़ैल है वहां से भागने लगता है लेकिन वह भागने की कोशिश में बहुत बड़े पेड़ से टकराकर बुरी तरह घायल हो जाता है।
तब परी कुत्तिया और भोलू कुत्ता उसकी मदद के लिए दौड़ते हैं लेकिन जैसे ही वह गधे की मदद करते हैं तो घायल गधा उनको दुलती मारना शुरू कर देता है और परी भोलू कि जगह बड़े से पहाड़ी पत्थर में जबरदस्त दुलती मार देता इस वजह से वह और बुरी तरह घायल होकर जमीन पर गिर जाता है।
तब परी भोलू उसकी टांगें दबा दबाकर और अलग-अलग तरीकों से उसे दुबारा तन्दरूस्त करते हैं अपना इलाज करवाते करवाते गधा परी कुत्तिया और भोलू कुत्ता से उनके विषय में पूरी जानकारी लेता रहता है और जब उसे पूरी तरह यकीन हो जाता है कि यह दोनों जीवित है और भोलू खूबसूरत घने बाल वाली परी को उसकी घायल मालकिन के पास शहर के अस्पताल में पहुंचाने जा रहा है, तब अधेड़ आयु का गधा कहता है “तुम दोनों ने मेरी सेवा करके मेरा दिल जीत लिया है, इसलिए मैं तुम्हें इस बियाबान जंगल से सुरक्षित बाहर निकालुगा वैसे भी बिना किसी की मदद के इस जंगल को पार करना तुम्हारे लिए असंभव है, क्योंकि इस जंगल में अजीबोगरीब शाकाहारी मांसाहारी खूंखार जानवरों के साथ भूत प्रेत भी रहते हैं, इसलिए मेरी मदद के बिना तूम दोनों कभी भी इस जंगल को पार नहीं कर सकते हो।”
“तो जल्दी से जल्दी आप हमें इस जंगल से बाहर निकाले।” परी कुत्तिया कहती है
मैं अपनी पीठ पर तुम दोनों को बिठाकर इस जंगल से बाहर निकाल दूंगा लेकिन एक समस्या है यह कह कर गधा चुप हो जाता है।
तब भोलू बोलता है कैसी भी समस्या हो मैं उसे हल करने की पूरी कोशिश करूंगा।”
“समस्या बड़ी विकट है बेटा।” गधा बोलता है
“आप हमें समस्या बताएं अगर आपको अपनी पीठ पर हमें बिठाने में कोई दिक्कत है, तो हम पैदल पैदल आपके साथ इस बियाबान जंगल को पार कर लेंगे।” परी कुतिया ने कहा
पीठ पर तुम दोनों को बिठाकर जंगल पार करवाने में कोई समस्या नहीं है, क्योंकि मैं गधा हूं, मुझे बोझ उठाने की आदत है, समस्या तो यह है कि मुझे रात को कम दिखाई देता है और कम सुनाई देता है, इसलिए तुम दोनों को लगातार मुझे बताते रहना होगा कि सामने कोई कांटेदार झड़ी पहाड़ी पत्थर पेड़ या गहरा गड्ढा तो नहीं।” गधा बोलता है
“बस इतनी सी बात गधे अंकल हम दोनों आपको पूरे रास्ते बताते रहेंगे कि आप सही चल रहे हो या गलत।” परी कुत्तिया कहती हैं
गधा खुश होकर बोलता है “तो फिर देर किस बात की कुद कर बैठ जाओ मेरी पीठ पर।”
किन्तु गधे को सीधे रास्ते पर चलाना परी कुत्तिया और भोलू कुत्ते के लिए इतना आसान नहीं था, क्योंकि जब वह गधे को दस ग्यारह बार चिल्ला चिल्ला कर बताते थे कि सामने कांटेदार झड़ी या कोई पेड़ पत्थर है तो तब रात को कम सुनने कम देखने वाला गधा सुनता था, कभी-कभी तो वह दोनों चिल्लाते रहते थे और गधा पेड़ या झाड़ी से टकरा जाता था और गधा उनको तेज तेज चिल्लाने से भी मना कर रहा था की कही उनका शोर सुनकर कोई जानवर ना जाए।
और जब गधा परी भोलू से गुस्सा करते हुए कहता है “तुम दोनों मूर्ख शोर मचा मचा कर अपनी जान तो खतरे में डालोगे ही साथ में मेरी जान भी खतरे में डाल दोगे।” तो उन दोनों के कम आवाज में गधे को सही रास्ता बताने की वजह से गधा उनकी आवाज ठीक से सुन नहीं पता है और गहरे गड्ढे में धड़ाम से गिर जाता है।
उसके गड्ढे में गिरने से पहले ही परी और भोलू कुत्ता उसकी पीठ से कूद जाते हैं गधा जिस गड्ढे में गिरा था उस गड्ढे में नुकीले पहाड़ी पत्थरों के साथ कांटेदार सुखी झाड़ियां भी पड़ी हुई थी। गहरे गड्ढे में गिरते ही भोलू कुत्ते परी कुत्तिया का शोर मचाने से मना करने वाला गधा खुद ही जोर-जोर से चिल्ला चिल्ला कर रोने लगता है और रोते-रोते कहता है “मुझे किसी तरह इस गड्ढे से बाहर निकालो वरना मेरे प्राण शरीर से निकल जाएंगे
गधे के जंगल से अनजान भोलू कुत्ते परी कुतिया को जब गधे को गहरे गड्ढे से बाहर निकलने का कोई रास्ता समझ नहीं आता है तो वह गधे से ही पूछते हैं कि “तुम ही बताओ अंकल हम इस अनजान जंगल में किस की मदद से तुम्हें गहरे गड्ढे से बाहर निकाले।”
“तुम दोनों इसी समय नदी के किनारे जाओ वहां तुम्हें मेरा मित्र हाथी मिलेगा वही मुझे इस गहरे गड्ढे से बाहर निकल सकता है और एक बात कान खोल कर सुन लो मेरे मित्र हाथी से मदद मांगना किसी दूसरे हाथी से मदद नहीं मांगना वरना कोई दूसरा हाथी रात को नींद खराब करने के जुर्म में तुम्हारी जान भी ले सकता है, क्योंकि इस जंगल में सारे जानवर अजीबो गरीब और अपनी मस्ती में मस्त रहने वाले हैं।” गधा उनको बताता है
“लेकिन हम आपके मित्र हाथी को पहचानेंगे कैसे।” परी कुतिया पूछती है?