नशेड़ी बिल्ली का हंगामा

1449 Words
“अरे बाप रे अंधियारी रात और आंखों में मोतियाबिंद की वजह से मैं इन दोनों को पहचान नहीं पाया और पहचानता भी कैसे मैंने तो इन्हें हमेशा पुलिस की वर्दी में देखा है यह तो हमारे जंगल के चौकीदार थे, इन से दुश्मनी मोल लेकर मैंने अपनी और अपने परिवार की जान खतरे में डाल ली है, किसी तरह मेरे प्यारे गधे भतीजे मेरा इन दोनों से राजीनामा करवा दे, मैं अभी तो घर जा रहा हूं, क्योंकि मुझे अपने नाती पोतों कि अक्ल ठिकाने लगनी है, क्योंकि वह रात को कुत्ते बिल्ली गीदड़ सूअर सबको देखकर भूत भूत चिल्लाना शुरू कर देते हैं और रात होते ही एक दूसरे से चिपट चिपट कर सोते हैं।” गिद्ध यह बोलकर वहां से बरगद के पेड़ कि तरफ उड़ जाता है। गधा भालू बब्बर शेर की पुलिस की वर्दी उठाकर तुरंत उसी दिशा में परी कुतिया भूरा कुत्ते के साथ भगता जिस दिशा में भालू बब्बर शेर तेजी से दौडे थे, थोड़ी दूर दौड़ते ही गधे को दिखाई देता है कि भालू बब्बर शेर नशेड़ी भंगेड़ी चरसी भेड़िए और गैंडे से कुछ पूछताछ कर रहे हैं भेड़िया गैड़ा बब्बर शेर भालू कि गिरफ्त में इसलिए आ गए थे, क्योंकि वह दोनों गधे के लिए वहां घात लगाए बैठे थे और बब्बर शेर भालू बुढ़े गिद्ध से बचने के लिए उसी दिशा में भागे थे। गधा धीरे-धीरे उन सबके करीब पहुंचता है। परी कुत्तिया भोलू कुत्ता उन सब से है थोड़ा दूर खड़े हो जाते हैं तब बब्बर शेर गधे और परी भूरा कुत्ते को देखकर कहता है गधे तू हमारे पास आकर हमारे कुछ सवालों का जवाब दे और हमारी यह पुलिस की वर्दी परी कुतिया और भोलू कुत्ते को सुखी लड़कियों से आग जलाकर सूखने के लिए दे दे।” “जी हुजूर अभी देता हूं।” गधा बोलता है बब्बर शेर का आदेश पूरा करने के बाद गधा चुपचाप भालू बब्बर शेर के पीछे आकर खड़ा हो जाता है तब उसे देखकर भेड़िया बोलता है “सरकार गधे ने बहुत बड़ी गलती की है, इसलिए आपके पीछे छुप कर खड़ा हो गया है।” “ओ गधे के बच्चे मेरे सामने खड़ा होकर बता जब यह तुझे पीछे से रुकने के लिए आवाज दे रहे थे तो तू रुक क्यों नहीं था।” बब्बर शेर बोल “सरकार मुझे ऐसा महसूस हुआ था कि कोई भूत प्रेत मुझे पीछे से आवाज देकर रुकने के लिए कह रहा है और सरकार मुझे पता भी होता की भेड़िया गैड़ा मुझे पीछे से आवाज देकर रुकने के लिए कह रहे हैं तो मैं तब भी नहीं रुकता क्योंकि यह दोनों नशेड़ी किसी भी जानवर को रोक कर उसे पहले पीटते हैं और फिर उससे अपने काम करवाते हैं, जैसे की भांग धतूरा घुटवाना जंगल से इन दोनों के लिए खाने की चीजें लाना और जो जानवर इनका कहना नहीं मानता है तो यह उसे पीट-पीट कर अद मरा कर देते हैं।” गधे की यह बात सुनते ही बब्बर शेर भेड़िए गैंडे को उठा उठा कर पटकना शुरू कर देता हूं और दहाड़ दहाड़ कहता है “गधा बिल्कुल सच कह रहा है, क्योंकि जंगल के बहुत से जानवरों ने भी तुम्हारी इसी तरह की शिकायते मुझसे और मेरे दोस्त भालू से की है आज मैं तुम दोनों की गुंडागर्दी इस जंगल से खत्म करके रहूंगा।” और जब भेड़िया गैड़ा बब्बर शेर से अपनी गलती के लिए माफी मांगने लगते हैं तो तब बब्बर शेर गधे से बोलता है “मेरे सामने इन दोनों को इतना पीठ जितना तुझे इन दोनों ने पीटा था।” जब गधा भेड़िए गैडे पर हमला करने से डरता है तो तब बब्बर शेर बोलता है “मैं यहां खड़ा हुआ हूं वे खोफ अपना बदला ले अगर इन्होंने तुझ पर हमला किया तो मैं इन दोनों का सीना फाड़ कर कलेजा खा जाऊंगा।” बब्बर शेर से हिम्मत मिलने के बाद गधा दिल खोलकर भेड़िए गैंडे को पीटने लगता है भेड़िया गैड़ा गधे की एक-एक दुलत्ती पडने पर इतना तेज शोर मचाते हैं कि धीरे-धीरे उस जगह जंगल के दूसरे जानवर इकट्ठा होने लगते हैं। तब भालू बब्बर शेर के कान के पास आकर धीरे से बोलता है “सरकार अपनी पुलिस की वर्दी जितनी भी सुखी है उसे पहन लेते हैं धीरे-धीरे जानवर इकट्ठा होते जा रहे हैं हम दोनों को जंगल के सारे जानवर नंगा देखेंगे तो हमारी मिट्टी पलीत (बेइज्जती) हो जाएगी।” “ठीक कह रहा है भालू दोस्त गधे से बोल जल्दी से वह परी कुत्तिया से हमारी वर्दी लेकर आए।” बब्बर शेर ने बोला किंतु गधा भालू की एक भी बात सुनने के लिए तैयार नहीं था, क्योंकि वह नशेड़ी बदमाश गुंडे भेड़िए और गैंडे को पीटने में धोबी के गधे जैसे मस्त था यानी की धोबी जैसे पटक पटक कर घाट पर कपड़ों को धोता है। नंगा भालू शर्म से किसी भी हालत में परी कुतिया से सर्कस से चुराईं पुलिस कि वर्दी नहीं ला सकता था क्योंकि भालू बब्बर शेर से ज्यादा शर्मिला था और बब्बर शेर से पुलिस की वर्दी लाने की बात कहने की उसमें हिम्मत नहीं थी। भालू इस सोच में था की वर्दी कैसे लाई जाए तभी उसे बुढा गिद्ध अपने पंजों में उनकी आदी गिली आदी सुखी वर्दी पड़कर उड़ता हुआ अपनी तरह आता दिखाई देता है। बुढ़े गिद्ध को देखकर भालू खुशी से उछलने लगता है बुढ़ा गिद्ध सोचता है भालू मुझे पीटने के लिए मेरे ऊपर हमला करने कि तैयारी कर रहा है क्योंकि उसने नंगे भालू बब्बर शेर को पहचान ना पाने कि वजह से कुछ देर पहले अपनी चोंच नुकीले पंचों से बुरी तरह घायल किया था। इस डर कि वजह से बुढ़ा गिद्ध उनकी वर्दी उन से दूर फेंक कर अखरोट के पेड़ पर उड़ कर बहुत ऊंचाई पर बैठ जाता और वहां से अपनी गलती के लिए माफी मांगना शुरू कर देता है। बब्बर शेर भालू पुलिस कि वर्दी पहनते हुए उससे कहते हैं “हमने तुझे माफ कर दिया है लेकिन बुढ़ा गिद्ध उनकी एक भी बात नहीं सुनता है क्योंकि एक तो वह उन से बहुत दूर पेड़ पर बैठा हुआ था और दूसरा बुड्ढा गिद्ध उंचा सुनता था। तब गधे से पीटते पीटते भेड़िया तेज चिल्ला कर बुढ़े गिद्ध से पूछता है? “बुढ़े गिद्ध तू किस बात के लिए माफी मांग रहा है।” तब बब्बर शेर भेड़िए के एक लात मार कर उसे चुप करवाता है कि कहीं बुढ़ा गिद्ध यह ना बात दे की उसके पोती पाते भालू मुझे नंगा देख कर लदर पदर बरगद के पेड़ से नीचे गिर गए थे। एक तो जंगल के बहुत से जानवर इकट्ठा होने के बाद भी कम सुनने वाला गिद्ध बब्बर शेर भालू से माफी मांगते मांगते चुप नहीं हो रहा ऊपर से गधा भेड़िए गैंडे को दुलत्ती मारते मारते रुक नहीं रहा था, इस वजह से बब्बर शेर को बहुत गुस्सा आ जाता है और बब्बर शेर गुस्से में दहाड़ता हैं तो बुढ़ा गिद्ध पेड़ से लुढ़ककर ज़मीन पर गिर जाता है और गधा भेड़िया गैड़ा परी कुतिया भोलू कुत्ता वहां मौजूद जानवर थर-थर कांपने लगते हैं। तब भालू बब्बर शेर के गुस्से को शांत करके लंगुर से बोलता है “सारे जानवर नशेड़ी बदमाश भेड़िए गैंडे के आतंक से दुखी थे, आज रात जंगल के राजा बब्बर शेर ने इन दोनों को कैद कर लिया है और वह आज रात इन दोनों को इनके गुनाहों कि साज सुनाएंगे और सुबह सुबह इन दोनों को सजा देंगे, इसलिए तुम जंगल के सारे जानवरों को इस जगह इकट्ठा कर दो। और कड़ाके कि ठंड होने कि वजह से बंदरों के झुंड को सुखी लकड़ियां इकट्ठा करके आग जलाने कि बोलता है धीरे धीरे वहां जंगल के बहुत से पशु पक्षी इकट्ठा हो जाते हैं। तब बब्बर शेर धीरे से भालू से बोलता है “भालू दोस्त जल्दी से मुजरिमों को सजा सुना देते हैं क्योंकि वर्दी धुलवाने के बाद भी खुजली कम नहीं हुई है।” “आप ठीक कह रहो सरकार मैं भी खुजा खुजा कर तंग आ गया हूं, इन दोनों को सजा सुनाकर नदी में बदन को रगड़ रगड़ के नहाएंगे इसलिए इन दोनों को जो भी सजा सुनानी है सुना दो।” भालू बोला “ठीक है जल्दी से निपटा देता हूं इस काम को।” बब्बर शेर ने कहा तभी जानवरों के बीच शोर शोरबा होने लगता क्योंकि उल्लू अपनी मित्र काली बिल्ली कि टंग पकड़ कर पशु पक्षियों की पंचायत से दूर घसीट कर ले जाने की कोशिश कर रहा था और काली बिल्ली अलग-अलग आवाज में कभी रो रही थी कभी उल्लू को गालियां दे रही थी उल्लू बिल्ली को इसलिए टांग पकड़ कर जानवरों कि पंचायत से दूर ले जाने की कोशिश कर रहा था, क्योंकि काली बिल्ली ने हद से ज्यादा अफीम खा रखी थी और वह कह रही थी कि बब्बर शेर नहीं मैं भेड़िए गैंडे को सजा सुनाऊंगी।
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