क्या अनिका को मिल पाएगा फिर से कॉलेज जाने का मौका-------।।

1146 Words
माया टैक्सी लेकर जल्दी घर पहुंच गई। उसने देखा उसके पिताजी बेड के ऊपर सोए हुए हैं। जैसे की बहुत ही बीमार हो। उसे देखकर माया भागी भागी आई और बोली पिताजी की आपको क्या हो गया। आप ठीक तो है। वहीं पास में है माया के पिताजी के सेक्रेटरी खड़े थे जिन्होंने माया को कॉल करके इंडिया वापस बुलाया था। उसने सेक्रेटरी को बोला राघव अंकल आपने मुझे पहले कॉल करके क्यों नहीं बताया। कि पापा की तबीयत इतनी खराब है। देखो यह कितने बीमार लग रहे हैं। माया के पिताजी आंख बंद किए हुए थे। इतने में ही वह एक आंख खोल के अपनी बेटी को देखने लगे। और मन में बोलने लगे अगर तुम चालाक हो बेटी तो मैं भी तुम्हारा बाप हूं।। फिर उसने माया के ऊपर हाथ रखा और बोला। कोई बात नहीं बेटा तुम क्यों रो रही मैं इतना बीमार नहीं हूं मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगा। आज तुम यहीं रहो और मैं मेरा ध्यान रखो। मैं बहुत जल्दी ही ठीक हो जाऊंगा फिर तो।। माया बोलने लगी पिताजी मैं यहां पर क्याकरूंगी। मेरी थाईलैंड में स्टडी चल रही है। एग्जाम शुरू होने वाले हैं। तो उसके पिता माया कोई इमोशनली ब्लैकमेल करने लगे बेटा मुझे पता नहीं मैं कितने दिनों का मेहमानहूं। क्या पता मेरी जल्दी ही मौत हो जाए। मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के टाइम तुम मेरे साथ रहो और मैं तुम्हें देख सकूं। ऐसे इमोशनल शब्द सुनकर माया इमोशनल हो गई और बोलने लगी पिताजी आपको कुछ नहीं होगा और मैं कहीं नहीं जाऊंगी मैं आपके पास हीरहूंगी। माया के पिता यह सुनकर बहुत खुश हुए और बोलने लगे बेटा तुम अपने स्टडी की बिल्कुल भी परवाह मत करो मैं यहां के बड़े से बड़े कॉलेज में तुम्हारा दाखिला कर आऊंगा। तुम इंडिया के सबसे बड़े बिजनेस बयान की लड़की हो। फिर उसके पिताजी ने माया को कहा चलो बेटी तुम बहुत थक गई होगी जाकर अपने रूम में आराम करो।। माया वहां से उठी और अपने बेडरूम की तरफ चल पड़े। इतने में माया के पिता बेड से उठा और राघव को बोलने लगा। देखा राघव अगर घी सीधी उंगली से ना निकले तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती हो। बस अब माया को इस बात का पता ना चले कि मैं बीमार नहीं हूं मैं एकदम ठीकहूं। और राघव तुम जल्दी से जल्दी माया के स्टडी के लिए इंडिया के सबसे बेस्ट कॉलेज द फ्यूचर मेकर कॉलेज में उसका दाखिला करवा दो। क्यों अपनी स्टडी में व्यस्त रहेगी तभी उसे यह पता नहीं चलेगा कि मैं बीमार नहींहूं। राघव ने बोला ओके सर आपका यह काम जल्द से जल्द हो जाएगा मैं माया बिटिया की जल्द से जल्द द फ्यूचर मेकर कॉलेज में दाखिला करवा दूंगा आप बिल्कुल भी चिंता न कीजिए। उधर अनिका की मम्मी ने अनिका को कहा बेटी तुमने मेरे कारण और हमारे घर के हालात के कारण अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। मैं चाहती हूं कि तुम अपनी पढ़ाई फिर से शुरू करो और अपना फ्यूचर हमारी तरह खराब मत करो। हमारा क्या है हम तो कल परसों चल ही जाएंगे भगवान के पास हमारे पीछे तुम्हें कौन देखेगा अगर तुम पढ़ लिखकर एक बिजनेसमैन वूमेन बन जाओगी तो तुम्हें किसी के जरूरत नहीं पड़ेगी। पहले तो अनिका अपनी मम्मी को बोल रही थी कि नहीं मां मैं अपनी पढ़ाई आगे नहीं करूंगी आप में घर के सारे जिम्मेवारी है मैं चाहती हूं कि इन जिम्मेवारियों में मैं भी आपकी थोड़ी बहुत मदद करूं। पर अनिका की मम्मी का बहुत जोर देने पर अनिका ने अपनी मम्मी को कहा ठीक है मन में कोई अच्छे कॉलेज में दाखिला लेने की कोशिश करती हूं उसकी मम्मी बहुत खुश हुई उसने बोला बेटी अभी कॉलेज के दाखिला शुरू हो रहे हैं तो तुम जल्द से जल्द किसी अच्छे कॉलेज में दाखिला ले लो नहीं तो देर होने पर तुम्हारा यह साल फिर से बर्बाद हो जाएगा। अनिका ने अपने फोन पर बहुत सारे कॉलेज देखें पर कॉलेज का खर्चा इतना ज्यादा था कि वह फिर से अपना मन हार गई और सोचने लगी की कैसे मैं अपने आगे की पढ़ाई पूरीकरूंगी। कैसे मैं अपने मां के पूरे सपनाकरूंगी। वह बहुत परेशान हो गई थी उसे कोई कॉलेज ही नहीं मिल रहा था जिसमें खर्चा बहुत कम हो और पढ़ाई अच्छीहो। इतने में ही छाया अपनी लंबी से गाड़ी लेकर अनिका के घर के बाहरआई। और बोलने लगी अनिका ओ अनिका चलो आज हम मूवी देखने चलते हैं। अनिका के कोई जवाब न देने पर छाया उसके रूम की तरफ चल पड़े। उसने देखा कि अनिका उदास अपने बेड पर बैठी हुई थी। छाया उसके पास गई और उसे पूछा अनिका तुम उदास क्यों बैठी हो क्या हुआ तुम उदास बिल्कुल अच्छी नहीं लगती। पहले तो अनिका ने छाया को कुछ नहीं बोला। घर छाया के बहुत जोर देने पर उसने। छाया को बोला कि यार मेरी मां चाहती है कि मैं फिर से पढ़ाई स्टार्ट करो और कुछ बानो पर मैं क्या करूं यहां कोई भी आसपास ऐसा कॉलेज नहीं है जिसमें खर्चा कम हो मैं क्या करूं। हमारी कमाई भी इतनी नहीं है कि मैं कॉलेज की पढ़ाई आगे करसुकून। इतने में छाया बोलने लगी यह तो मुश्किल की बात तो है बहुत बड़ी समस्या है कुछ तो करना पड़ेगा। फिर थोड़ी देर सोचने के बाद छाया ने बोला अनिका मेरे पास एक आईडियाहै। हमारे आसपास यहां पर कितने हैं कॉलेज हैं जिसमें स्कॉलरशिप मिलता है जो भी विद्यार्थी स्कॉलरशिप का एग्जाम पास करता है और टॉप 10 में आता है उसको स्कॉलरशिप मिलती है और कॉलेज की पढ़ाई का खर्चा माफ कर दिया जाता है। यह बात सुनकर अनिका बहुत खुश हुई फिर वह दोनों अपने-अपने फोन में कॉलेज ढूंढने लगे। ज्यादातर कॉलेजों की दाखिला बंद हो चुकी थी और कई कॉलेजों में स्कॉलरशिप उपलब्धि नहीं था। यह देखकर अनिका बहुत उदास हुईउसने छाया को बोला यार मेरी तो किस्मत ही खराब है मुझे नहीं लगता मैं अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखसकती हूं। छाया नहीं बोला यार तुम इतनी जल्दी हार मत मानो कुछ तो कुछ जरूर होगा। अभी मुझे भी कॉलेज में दाखिला लेना है मैं उसी कॉलेज में दाखिला लूंगी जहां तुम लोगी मतलब की तुम्हें स्कॉलरशिप लगवा कर ही रहूंगी। फिर छाया अपने घर गई और सब कॉलेज में स्कॉलरशिप पर ढूंढने लगे और जितने भी कॉलेज में स्कॉलरशिप उपलब्ध था उसमें अनिका का नाम भर के फॉर्म जमा करती गई। कम से कम 20 कॉलेज थे जिसमें उसने स्कॉलरशिप के लिए फॉर्म भरा था। बहुत रात हो गई थी फिर छाया सोने चले गए। जब वह सुबह उठी तो उसके फोन में बार-बार मैसेज के रिंग बज रहे थे। डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग डिंग .......….डिंग छाया अपने बेड से उठी और फोन चार्जिंग की और चलपड़ी। उसने फोन उठा कर देखा तो बहुत खुश हो गई। आगे जाने के लिए पढ़ते रहें। छाया को किसका मैसेजमिला। क्या अनिका को मिल पाएगा बेस्ट कॉलेज में एडमिशन।
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